हिंदी मुहावरे

मुहावरे क्या है |

मुहावरे की परिभाषा

मुहावरा एक ऐसा व्याक्यांश है, जो वाक्य- रचना में अपना विशेष अर्थ प्रकट करता है | अर्थात जो व्याक्यांश सामान्य अर्थ की प्रतीति न कराकर विशेष अर्थ का बोध करता है, वह मुहावरा कहलाता है |



मुहावरे के प्रयोग से भाषा सरस, रोचक एव प्रभावपूर्ण बन जाती है | मुहावरे के प्रयोग से वाक्य में व्यग्यार्थ उत्पन्न होता है | अत: मुहावरे का शाब्दिक अर्थ न लेकर उसका भावार्थ ग्रहण करना चाहिए |

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हिंदी मुहावरे

अंग – अंग टूटना – अत्यधिक थक जाना |

अपना उल्लू सीधा करना – अपना स्वार्थ पूरा करना |

अंगूठा दिखाना – निराश करना या तिरस्कारपूर्वक मना करना |

आँख का तारा -बहुत प्रिय |

अंगारे उगलना – क्रोध में कठोर शब्द बोलना |

आँखों में धुल झोंकना – धोखा देना |

आसमान पर चढना – बहुत अभिमान करना |

आंखे खुलना – समज में आना |

आस्तीन का साप होना – महान धोखेबाज |

आंखे दिखाना – रोब मारना |

आंखें बचाना – छिपकर निकलना |



अपने पाव पर कुल्हाड़ी मारना – जानबुझकर अपना नुकसान करना |

अक्ल पर पत्थर पड़ना – कुछ समज में न आना |

आकाश के तारे तोडना – असम्भव कार्य करना |

आड़े हाथ लेना – खरी खरी सुनाना |

आंच न आने देना – थोड़ा भी कस्ट न होने देना |

ईट से ईट बजाना – नष्ट – भ्रष्ट कर देना |

ईद का चाँद होना – बहुत दिनों बाद दिखाई देना |

ईट का जवाब पत्थर से देना – कड़ाई से पेश आना |

इधर – उधर की हाकना – गप्पे मारना |

उलटी गंगा बहाना – नियम के विरुद्ध कार्य |

उलटी माला फेरना – बुरा सोचना |

उल्लू बनाना – मुर्ख बनाना |



ऊँगली पकड़कर पहुंचा पकड़ना – धीरे -धीरे पराई वस्तु पर अधिकार करना |

उलटे उस्तरे से मुंडना – ठगना या हानि पहचाना |

उंगली उठाना – लांछन लगाना या दिषारोपन करना |

उंगली पर नाचना – वश में करना

एक लाठी से हाकना – समान व्यवहार करना |

गुड गोबर करना – किया-कराया नष्ट करना |

गागर में सागर भरना – थोड़े में बहूत कुछ कर दिखाना |

घडो पानी पड़ना – अत्यंत लज्जित होना |

घी के दीपक जलाना – खुशिया मनाना |

घर फूंक तमाशा देखना – अपने नुकसान पर प्रसन्न होना |

घोड़े बेचकर सोना – निश्चिन्त होना |

चाँदी का जूता मारना – रिश्वत लेकर काम करना |

चिकना घड़ा होना – अत्यंत बेशर्म |

चुल्लू भर पानी में डूब मरना – लज्जा का अनुभव करना |

छटी का दूध याद आना – घोर संकट में पड़ना |

छाती पर मुंग दलना – खुब परेशान करना |

छाती पर साँप लोटना – ईष्या करना |

जान पर खेलना – साहसपूर्ण कार्य करना |

जीती मक्खी निगलना – जानबुझकर बेईमानी करना |

जमीन पर पैर रखना – अत्यधिक घमंड होना |

जूतिया चटकाना – मारे-मारे फिरना |

झक मारना – व्यर्थ परिश्रम करना |

टक्कर लेना – मुकाबला करना |

टोपी उछालना – अपमानित करना |

टांग अडाना – अवांछित व्यवधान डालना |

डंके की चोट कहना – स्पष्ट कहना |

डकार जाना – किसी का धन या चीज लेकर हडप जाना |

ढोल में पोल होना – थोथा या सारहीन |



ढपोर शंक होना – झुटा या गप्पी आदमी |

ढिंढोरा पीटना – अति प्रचारित होना |

तलवे चाटना – खुसामद करना |

तीन तेरह होना – अलग-अलग होना |

तूती बोलना – खूब प्रभाव होना |

टिल का ताड़ करना – बढ़ा चढ़ाकर बात करना |

तोते उढ जाना – घबरा जाना |

थूककर चाटना – बात कहकर बदल जाना |

थाह लेना – भेद जानना या पता लगाना |

दाल गल जाना – काम बन जाना |

दांतों तले ऊँगली दबाना – आश्चर्य होना |

दाँत खट्टे करना – पराजित करना |

दाल में काला होना – संदेहपूर्ण वस्तु होना |

दांत पीसकर रह जाना – क्रोध पीसकर चुप रहना |

एड़ी – चोटी का जोर लगाना – पूरी शक्ति लगाकर कार्य करना |

ओठ चबाना – क्रोध प्रकट करना |

ओखली में सिर देना – जान बुझकर विपति में फसना |

कमर कसना – तैयार हो जाना |

काम आना – युद्ध में मारा जाना |

काम तमाम कर देना – मार देना |

कलेजा मुह को आना – घबरा जाना |

कमर टूट जाना – कमजोर पड़ जाना |

कान कतरना – बहुत चतुराई दिखाना |

कान भरना – झूठी – सच्ची शिकायत करना |

कागज काला करना – व्यर्थ की बाते करना या लिखना |

कान खड़े करना – चोक्न्ना रहना |

खटाई में पड़ना – झझट में पड़ना , व्यवधान होना |

खून खोलना – बहुत क्रोध आना |

गज भर की छाती होना – साहसी होना |

गड़े मुर्दे उखाड़ना – पिछली बुरी बाते याद करना |

गले का हार होना – आत्यन्त प्रिय |

मनमाने की बात – मन को जो अच्छा लगे , वही प्रिय होता है |

काल के बस में होना – मौत के शिकंजे में होना |

फूंक से पहाड उडाना -काल्पनिक वीरता दिखाना |

काल का कवल होना – मौत का शिकार होना |

काल को हांक लाना – मौत की स्थितिया पैदा करना |

माथे काढना – किसी पर गुस्सा या दोष उतारना |

महाझर लगना – तेज वर्ष होना |

छाती में आग छिपाना – गुस्से या अन्दर की गर्मी को दबाये रखना |

फुला न समाना – अत्यधिक प्रसन्न होना |



बेमौसर की बात करना – निरर्थक बाते करना |

संगत का असर होना – संगति का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देना |

अमृत से सींचना – जीवन-शक्ति का संचार करना |

तन देना – प्राण न्योछावर करना |

धुल में नहाना – व्यर्थ का प्रयास करना |

तम्बू तानना – कही पर स्थित रूप में जमना |

लाव-लश्कर समेटना – सामान समेटकर चल देना |

दुःख बांचना – छिपे दुःख को समझना |

आँख लगना – सहसा नींद आ जाना |

कांटे निकलना – बाधाए आ जाना |

थैली में हाथ डालना – खर्च को तैयार हो जाना |

ईदगाह का मुहर्रम होना – ख़ुशी का शोक में बदल जाना |

राई को पर्वत बनाना – तुच्छ बात को बढ़ा-चढ़ाकर बताना |

मुँह की खाना – हार मानना |

दुवाए देना – आशीर्वाद की प्रार्थना करना |

फकीरों का चिमटा होना – एक वस्तु से सब काम साधना |

नानी मर जाना – प्राण संकट में पड़ने पर घबरा जाना |

छक्के छुट जाना – हिम्मत हार जाना |

एडी-छोटी का जोर लगाना – पूरी शक्ति से काम करना |

आग में कूदना – मुसीबत का सामना करना , साहस दिखाना |

रंग जमाना – प्रभाव जमाना |

माटी में मिल जाना -बरबाद या नष्ट होना |

छक्के छुड़ा देना |

दलीले पेश करना – तर्क या कुतर्क कर अपनी बात को महत्व देना |

सोलह आने मिथ्या होना – पूरी तरह असत्य एवम अप्रमाणित |

नमक हराम होना – कर्तव्य का पालन न करना , फर्ज न निभाना |

प्राणों की बाजी लगाना – सहर्ष आत्म-बलिदान कर देना |

मौत का पैगाम आना – विनाश का समय आ जाना |

मौत की गोद में सिर रखना – सहर्ष प्राणों का  बलिदान करना |

पूर्णाहुति होना – कठिन कार्य पूरा हो जाना |

गला घोटना – आवाज दबाना, नुकसान पहुचाना |

प्राण पखेरू उड़ जाना – मर जाना |

मन के अरमान पुरे होना – मनचाही हो जाना |

हाथ-पैर पटकना – खूब प्रयास करना |

सिर धुनना – परेशानी प्रकट करना |

मन मरना – उत्साहरित होना |



दिल का गुबार निकालना – दबी भावनाओं को प्रकट करना |

जहर की चलती फिरती गठरी होना – एकदम दुर्भावना से ग्रस्त व्यक्ति |

दिल का छोटा होना – कंजूस स्वभाव का व्यक्ति होना |

श्रध्दा का ज्वार उमड़ना – अत्यधिक श्रध्दा प्रकट करना |

घर सिर पर उठा देना – काफी शोर -गुल या विरोध प्रकट करना |

आखें बिछाना – सत्कार करना |

आखें मूंद लेना – आनंदित होना या अनसुना करना |

मन सिहर उठण – अत्यधिक व्यथा का अनुभव होना |

आसू आ जाना – सवेदना प्रकट करना |

करुणा का समुन्द्र उमड़ना – अत्यधिक करुणा – वेदना से ग्रस्त होना |

आत्मा जाग उठाना – आध्यात्मिक ज्ञान – चेतना से मंडित होना |

मन उचट जाना – मन नही लगना |

लोहे से सोना बनाना – साधारण को महान बनाना |

पंचतत्व का शरीर होना – सर्वथा नश्वर |

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