भौतिक भूगोल
भौतिक भूगोल की उपशाखाओं के रूप में निम्नलिखित अध्ययन विषय अलग से एक भूगोल के रूप में पाये जाते है –
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- विश्व रचना विज्ञान ( cosmography ) – यह विज्ञान खगोल, भूविज्ञान तथा भौतिक भूगोल- इन तीनों विषयों का सम्मिलित अध्ययन करता है | किन्तु इसका विषय क्षेत्र खगोलीय पिण्डो तथा पृथ्वी के प्रमुख लक्षणों के वर्णन एवं चित्रण तक ही सिमित रहता है |
- भुआकृतिकी ( physiography ) – भौतिक भूगोल की इस शाखा के अंतर्गत भूपृष्ठ के प्राकृतिक लक्षणों का अध्ययन किया जाता है |
- भू-आकृति विज्ञान ( gomoorphology ) – इसके अंतर्गत भूधरातल पर मिलने वाले विभिन्न स्थ्लाकृतियों की उत्पति उनकी उत्पत्ति में सहायक प्रक्रमो तथा उनके विकास तथा विनाश पे वस्तुपरक अध्ययन किया जाता है |
- पर्वत विज्ञान ( orography ) – इसके अंतर्गत पर्वतों की उत्पत्ति, संरंचना, विकास तथा उनके विभिन्न प्रकार के प्रभावों का अध्ययन किया जाता है |
- समुद्र विज्ञान ( oceanography ) – इसके अंतर्गत सागरों की उत्पत्ति, उनकी गतियाँ, तापमान, लवणता, उनका मानव जीवन पर प्रभाव आदि का अध्ययन किया जाता है |
- जलवायु विज्ञान ( climatology ) – इसके अंतर्गत वायुमंडल की संरंचना, उसका संघटन, तापमान, वर्षा, वर्षण, चक्रवात, वायुराशी, विश्व के प्रमुख जलवायु प्रदेश एवं उनके मानव-जीवन एवं उनके क्रिया कलापों पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जाता है |
- भूकम्प विज्ञान ( seismology ) – भौतिक विज्ञान की इस शाखा के अंतर्गत भूकम्पों का वैज्ञानिक अध्ययन एवं तथ्यपूर्ण विश्लेषण सम्मिलित किया गया है |
- भूविज्ञान ( geology ) – यह वह विज्ञान है जो भौतिक भूगोल से संबंधित अध्ययनों को आधार प्रदान करता है | इसके अंतर्गत पृथ्वी की उत्पत्ति, उसकी संरंचना, संघटन एवं शैलियों के रूप में वर्तमान उसके ऐतिहासिक पहलुओं का अध्ययन किया जाता है | इसमें उन प्रक्रमों का भी अध्ययन किया जाता है जो शैलों की मूल अवस्था में परिवर्तन के लिए उत्तरदायी होते है |
- संरंचनात्मक भूविज्ञान ( structural geology ) – भूविज्ञान की यह शाखा भौतिक विज्ञान से घनिष्ट रूप से अंतर्संबंधित हिया क्योंकि इसमें शैलों के स्तरों, उनकी निक्षेपण स्थिति, आयु, स्वरूप, भूपृष्ठ पर उनके वितरण आदि का अध्ययन किया जाता है |
- भुगति विज्ञान ( geodynamics ) – इसके अंतर्गत पृथ्वी के आंतरिक भाग के गतिक बलों एवं प्रक्रमों का अध्ययन किया जाता है |
- जल विज्ञान ( hydrology ) – इस विज्ञान के अंतर्गत भूपृष्ठ के ऊपर या उसके नीचे प्रवाहित होने वाली जलराशियों का अध्ययन उसके भौतिक प्रभावों को दृष्टि में रखकर किया जाता है |
- भुकालानुक्रम ( geochronology ) – यह भूविज्ञान एवं भूगोल में प्रयुक्त होने वाली एसी प्रणाली या विधि है जिससे पृथ्वी एवं उससे संबंधित तत्वों की ऐतिहासिक समय-प्रणाली तैयार की जाती है |
- अश्म (चट्टान) विज्ञान (lithology) – इस विज्ञान के अंतर्गत चट्टानों एवं शैलों के बृहत् प्रतिदर्शी के आधार पर उनका वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है |
- पुरा भूगोल (Palaeogeography) – भौतिक भूगोल की सा शाखा के अंतर्गत भूपृष्ठ पर आदि काल से विद्यमान स्थल एवं जल संहतियों के प्रतिरूपों का अध्ययन किया जाता है |
- जैव भूगोल (Biogeography) – भूगोल की इस शाखा के अंतर्गत जीव-जन्तुओं एवं पेड़ पोधों के भौगोलिक पक्षों जैसे- उनके धरातलीय एवं जलवायवीय संबंध, प्रभाव तथा वितरण का क्र्मब्द्द अध्ययन किया जाता है |
- पारिस्थितिकी ( Ecology ) – इसके अंतर्गत जीवों एवं उनके वातावरण के पारस्परिक संबन्धों का अध्ययन किया जाता है |
- हिमनद विज्ञान (Glaciology) – इस विज्ञान के अंतर्गत हिमनद या हिमानियों के रूप में बर्फ एवं उसके विभिन्न रूपों, प्रकृति, वितरण,प्रक्रम के रूप में कार्य एवं परिणाम ( स्थ्लाकृतियों ) का अध्ययन किया जाता है |
- सरोवर विज्ञान (limnology) – विज्ञान की इस शाखा के अंतर्गत ताजे पानी की झीलों एवं सरोवरों की उत्पत्ति से लेकर उसके सम्पूर्ण जीवन-चक्र तक का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है |
- पादप भूगोल (phytogeography) – भूगोल की इस शाखा के अंतर्गत भौगोलिक वातावरण के अनुसार पृथ्वी पर पौधों के वितरण एवं उनकी विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है |
- मृत्तिका विज्ञान (pedology) – इसके अंतर्गत मिट्टी के निर्माण उसकी विशेषताओं एवं भू-धरातल पर उसके वितरण का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है |
- ज्वालामुखी विज्ञान (volcanology) – इस विज्ञान के अंतर्गत ज्वालमुखी का समग्र रूप में अध्ययन किया जाता है | इसके अंतर्गत ज्वालामुखी की उत्पत्ति, प्रकृति, निस्सृत पदार्थों, वितरण तथा प्रभावों के अध्ययन किया जाता है |
- मौसम विज्ञान (meteorology) – इसके अंतर्गत मौसम सम्बन्धी पूर्वानुमानों के लिए धरातल के विभिन्न भागों में स्थित मौसम सुचना केन्द्रों के स्नाप्तिक चार्टों का अध्ययन करके वायुमंडल में सक्रिय भौतिक घटनाओं एवं प्रक्रमों का विश्लेषण किया जाता है |
- सूक्ष्म मौसम विज्ञान (macrometeorology) – मौसम विज्ञान की इस शाखा के अंतर्गत वायुमंडल की सबसे निचली परत का क्रमबद्द एवं सर्वागीं अध्ययन किया जाता है |
- गुफा विज्ञान (speleology) – भूगोल की इस शाखा के अंतर्गत गुफा का विशिष्ठ अध्ययन किया जाता है |
- घास विज्ञान (agrostology) – भूगोल की इस शाखा के अंतर्गत घासों का भौगोलिक पर्यावरण के संबन्ध में विशिष्ठ अध्ययन करते हुए धरातल पर उनके वितरण की दर्शाया गया है |
- खनिज विज्ञान (minerology) – यह भूगर्भ विज्ञान की व शाखा है जिसके अंतर्गत खनिज पदार्थो की उत्पत्ति से लेकर उनके गुणों, विशेषताओं एवं वितरण को दर्शाया गया है |
- प्राणी विज्ञान (zoo-geography) – इस विज्ञान के अंतर्गत भूपृष्ठ पर मिलने वाले प्राणियों ( विशेष रूप से जानवरों ) के वितरण का अध्ययन किया जाता है |
- वर्षण विज्ञान (Hyetogrphy) – इसके अंतर्गत वर्षण से संबंधित विभिन्न घटनाओं जैसे- वर्षा, फुहार, ओला आदि का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है |
वास्तव में उपयुक्त शाखाएं भौतिक भूगोल के अध्ययन में तो सहायक है ही साथ ही इनके अधिकांश विज्ञान की विभिन्न महत्वपूर्ण शाखाओं के रूप में स्थापित है | चुकीं भूगोल का विषय क्षेत्र ‘क्यों,कहाँ और कैसे की अपनी धारा मानता है | अत: ये सभी विज्ञान भूगोल की शाखाओं के रूप में इससे धनिष्ठ रूप में अंतर्संबंधित है |
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