राजस्थान की बीकानेर रियासत
बीकानेर शहर, उत्तर-मध्य राजस्थान राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में स्थित है। बीकानेर दिल्ली से 386 किमी पश्चिम में पड़ता है। बीकानेर राजस्थान का एक नगर तथा पुरानी रियासत था। बीकानेर शहर भूतपूर्व बीकानेर रियासत की राजधानी था। लगभग सन् 1465 ई. में राठौर जाति के एक राजपूत सरदार बीका ने अन्य राजपूत जातियों का भूभाग जीतना प्रारंभ किया। सन् 1488 ई. में उन्होंने बीकानेर (बीका का आवास क्षेत्र) शहर का निर्माण प्रारंभ किया। सन् 1504 ई. में बीका की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारियों ने उनके राज्य क्षेत्र का क्रमिक विस्तार किया।
बीकानेर
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विवरण | बीकानेर शहर, उत्तर-मध्य राजस्थान राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में स्थित है। |
राज्य | राजस्थान |
ज़िला | बीकानेर |
स्थापना | सन् 1448 ई. राठौर जाति के एक राजपूत सरदार बीका द्वारा स्थापित |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 28° 01′00′ – पूर्व- 73° 18′43′ |
मार्ग स्थिति | बीकानेर जयपुर से 316 किमी, जोधपुर से 240 किमी और जैसलमेरसे 330 किमी की दूरी पर स्थित है। |
प्रसिद्धि | बीकानेर भव्य महलों की सुन्दरता, प्रवासी पक्षियों और ऊँटों के लिए प्रसिद्ध है। |
कैसे पहुँचें | रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है। |
नाल हवाई अड्डा | |
बीकानेर जंक्शन रेलवे स्टेशन | |
बस अड्डा बीकानेरा | |
ऑटो रिक्शा, सिटी बस | |
क्या देखें | लाल पत्थर के भव्य प्रासाद, हवेलियाँ, कोलायत, गजनेर के रमणीक स्थल, राज्य अभिलेखागार, म्यूजियम |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह |
क्या ख़रीदें | ऊनी शाल, कालीन, मिश्री, हाथीदाँत और लाख की हस्तनिर्मित वस्तुऐं |
एस.टी.डी. कोड | 0151 |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
गूगल मानचित्र | |
अन्य जानकारी | बीकानेर स्थित राजस्थान राज्य अभिलेख़ागार देश के सबसे अच्छे और विश्व के चर्चित अभिलेख़ागारों में से एक है। |
अद्यतन |
15:35, 9 दिसम्बर 2011 (IST)
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यातायात और परिवहन:-
यह जोधपुर, जयपुर, दिल्ली, नागौर और गंगानगर से रेलमार्ग और सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। ज़िले की सीमा जहाँ चूरू, नागौर, गंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर व जैसलमेर की सीमा को छूती है, वहीं अन्तरराष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान से मिलती है। ज़िले के दो प्राकृतिक भागों को उतरी व पश्चिमी रेगिस्तान व दक्षिणी व पूर्व अर्द्ध मरूस्थल में विभाजित किया सकता है।
बीकानेर रियासत
- 1465 ई0 में करणीमाता के आशीर्वाद से राव जोधा के पॉंचवे पुत्र राव बीका बीकानेर राज्य ( रियासत ) की स्थापना की थी।
- राव बीका ने 1488 ई0 बीकानेर नगर बसाया था तथा यही पर एक दुर्ग का निर्माण करवाया था।
- राव बीका ने राव जोधा की मृत्यु के बाद जोधपुर पर आक्रमण कर वहॉं से धन लूटा एवं नागणेची की मूर्ति को लाकर बीकानेर रियासत में स्थापित किया।
- राव बीका की मृत्यु के बाद राव नरा तथा उसके पश्चात् राव लूणकरण सिंह बीकानेर के शासक बने।
- राव लूणकरण महान दानी था। इसलिए इतिहासकारों ने उसे “कलयुग के कर्ण” की संज्ञा दी थी।
- राव लूणकरण के पश्चात् राव जैतसी इस वंश के महान शासक हुए।
- राव जैतसी के काल की उपलब्धियों का वर्णन बिठू सूजे गाड़ण द्वारा रचित “राव जैतसी रो छन्द” नामक ग्रन्थ मे मिलता है।
- राव जैतसी के काल मे हुमायूॅं के भाई कामरान ने भटनेर दुर्ग ( हनुमानगढ़ ) पर आक्रमण किया था जिसे राव जैतसी ने विफल कर दिया था।
- 1541 ई0 राव जैतसी का मारवाड़ के राव मालदेव के साथ युद्व हुआ। जिसमें राव जैतसी की वीरगति हुई। तथा बीकानेर राज्य को राव मालदेव ने मारवाड़ मे मिला दिया।
- राव जैतसी के उत्तराधिकारी राव कल्याण मल शेरशाह सूरी की शरण में चले गये।
- राव जैतसी के साथ उनकी 9 रानियों ने एवं दास-दासियों ने आत्म आहुति दी थी।
- शेरशाह सूरी ने सामेल युद्व के पश्चात् जोधपुर एवं बीकानेर का क्षेत्र राव कल्याण मल को दे दिया। जोधपुर पर तो पुनः राव मालदेव ने अधिकार कर लिया लेकिन बीकानेर राव कल्याण मल के अधीन ही रहा।
- 1570 मे अकबर के नागौर दरबार मे उपस्थित होकर राव कल्याण मल ने मुगलों की अधीनता को स्वीकार कर लिया तथा अपने पुत्र पृथ्वी राज राठोड़ को अकबर की सेवा मे नियुक्त कर दिया।
- अकबर ने पृथ्वीराज राठोड़ को अपना दरबारी कवि नियुक्त कर दिया।
- 1574 ई0 राव कल्याण मल की मृत्यु के बाद राव रायसिंह बीकानेर के शासक बने।
- राव रायसिंह ने राव बीका द्वारा बनाये गये बीकानेर दुर्ग को ध्वस्त कराकर उसी के स्थान पर नये दुर्ग का निर्माण करवाया था। लाल पत्थरों से निर्मित यह दुर्ग वर्तमान मे जुनागढ़ दुर्ग के नाम से जाना जाता है।
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