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झालावाड़ Jhalawar
- सन 1986 में विश्व की जनसंख्या की संखियिकी में झालावाड की विश्व जनसँख्या का केन्द्र बिंदु दर्शाया गया |
- झालावाड राज्य का सबसे अधिक औसत वार्षिक वर्षा वाला एवं आद्र जिला है |
- झालावाड नगर कालिसिंधी नदी के तट पर स्थित है |
- भवानी नाट्यकला – इस नाट्यकला का निर्माण यूरोपीय में साहित्य प्रेमी नरेश महाराणा भवानीसिंह द्वारा सन 1921 में करवाया गया |
- राजाराणा राजेन्द्र सिंह – कवि और शायर के रूप में विख्यात नाम सुधाकर और मखमूर के नाम के प्रसिद्ध हुआ | इन्होने मधुशाल-मधुशाला ‘ पुस्तक की रचना की |
- बिन्दौरी – झालावाड का मुख्य लोक नृत्य |
- चन्द्रावती – परमार राजवंश की प्राचीन राजधानी |
- सौरभ – झालावाड से प्रकाशित इस पत्रिका के संपादक पं. रामनिवास शर्मा थे |