राजस्थान में कृषि (Agriculture in Rajasthan)
राजस्थान का कुल क्षेत्रफल 3 लाख 42 हजार 2 सौ 39 वर्ग कि.मी. है। जो की देश का 10.41 प्रतिशत है। राजस्थान में देश का 11 प्रतिशत क्षेत्र कृषि योग्य भूमि है और राज्य में 50 प्रतिशत सकल सिंचित क्षेत्र है जबकि 30 प्रतिशत शुद्ध सिंचित क्षेत्र है।
राजस्थान का 60 प्रतिशत क्षेत्र मरूस्थल और 10 प्रतिशत क्षेत्र पर्वतीय है। अतः कृषि कार्य संपन्न नहीं हो पाता है और मरूस्थलीय भूमि सिंचाई के साधनों का अभाव पाया जाता है। अधिकांश खेती राज्य में वर्षा पर निर्भर होने के कारण राज्य में कृषि को मानसून का जुआ कहा जाता है।
राजस्थान मे फसलों का वर्गीकरण
खरीफ की फसल – यह फसल जुलाई मे बोई जाती है और अक्टूबर मे काटी जाती है इसकी मुख्य फसलें निम्न पर्कार से है :- नरमा, कपास, बाजरा, जवार, मक्का, तिल, मूंगफली, मूँग, मोठ आदि है।
रबी की फसल – यह फसल अक्टूबर मे बोई जाती है और अप्रैल मे काटी जाती है इसकी मुख्य फसलें निम्न पर्कार से है :- गेंहू, चना, मटर, ज़ों आदि है।
जायद की फसल – यह फसल मार्च मे बोई जाती है और जून मे काटी जाती है इसकी मुख्य फसलें निम्न पर्कार से है :- खरबूजा, तरबूज, ककड़ी आदि है।
राजस्थान मे फसलों का उपयोग के आधार पर वर्गीकरण
खाधान्न फसलें | बाजरा, गेंहू, मक्का, चावल, जों, दाले आदि |
वाणिजिक फसलें | कपास, गन्ना, तिलहन आदि |
पेय पदार्थ वाली फसलें | तम्बाकू, अफीम आदि |
रेशेदार पदार्थ वाली फसलें | कपास, सन, हेम्प, मेस्ट्र, फ्लेक्स आदि |
चारे की फसलें | बरसीम, रिजका आदि |
रबी की फसल | अक्टूबर, नवम्बर व जनवरी -फरवरी |
खरीफ की फसल | जून, जुलाई व सितम्बर-अक्टूबर |
जायद की फसल | मार्च-अपे्रल व जून-जुलाई |
रवि को उनालु कहा जाता है।
खरीफ को स्यालु/सावणु कहा जाता है।
रवि – गेहूं जौ, चना, सरसो, मसूर, मटर, अलसी, तारामिरा, सूरजमुखी।
खरीफ – बाजरा, ज्वार, मूंगफली, कपास, मक्का, गन्ना, सोयाबीन, चांवल आदि।
जायद – खरबूजे, तरबूज ककडी
फसलों का प्रारूप
खाद्यान्न फसले (57 प्रतिशत) | नकदी/व्यापारिक फसले (43 प्रतिशत) |
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गेहूं,जो,ज्वार, मक्का | गन्ना, कपास, तम्बाकू |
बाजरा,चावंल,दहलने | तिलहन, सरसों, राई |
मोड,मंूग,अरहर उड्द | तारामिरा, अरण्डी, मूंग |
मसूर चांवल इत्यादि | तिल, सोयाबीन, (जोजोबा) |
नोट- राज्य में कृषि जाति का औसत आकार 3.96 हैक्टेयर है। जो देश में सर्वाधिक है। कुल क्षेत्र का 2/3 भाग (65 प्रतिशत) खरीफ के मौसम में बोया जाता है।
खाद्यान्न फसले
1. गेहूं
राजस्थान में सर्वाधिक खाया जाने वाला और सर्वाधिक उत्पन्न होने वाला खाद्यान्न गेहंू है। देश में गेहूं का सर्वाधिक उत्पादन उत्तर-प्रदेश में होता है। राजस्थान का गेहूं उत्पादन में देश में चैथा स्थान है। राजस्थान का पूर्वी भाग गेहूं उत्पादन में अग्रणी स्थान रखता है। जबकि श्रीगंगानगर जिला राज्य में गेहंू उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। गेहंू के अधिक उत्पादन के कारण गंगानगर को राज्य का अन्न भंण्डार और कमाऊपूत कहा जाता है। राजस्थान में गेहूं की प्रमुख किस्में सोना-कल्याण, सोनेरा, शरबती, कोहिनूर, और मैक्सिन बोयी जाती है।
2.जौ
देश में जौ का सर्वाधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। यू.पी. के पश्चात् राजस्थान जौ उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। राजस्थान के पूर्वी क्षेत्र में जौ सर्वाधिक होता है और जयपुर जिला जौ उत्पादन में राज्य का प्रथम स्थान पर है। राजस्थान में जौ कि प्रमुख किस्मों में ज्योति राजकिरण और आर.एस.-6 प्रमुख है। जौ माल्ट बनाने में उपयोगी है।
3.ज्वार (सोरगम/गरीब की रोटी)
ज्वार को खाद्यान्न के रूप में प्रयोग किया जाता है। देश में सर्वाधिक ज्वार महाराष्ट्र में होता है। जबकि राजस्थान में देश में चैथा स्थान रखता है। राजस्थान में मध्य भाग में ज्वार का सर्वाधिक उत्पादन होता है। जबकि अजमेर जिला ज्वार उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। ज्वार की राज्य में प्रमुख किस्म पी.वी.-96 है।
राजस्थान में ज्वार अनुसंधान केन्द्र वल्लभनगर उदयपुर में स्थापित किया गया है।
4.मक्का
दक्षिणी राजस्थान का प्रमुख खाद्यान्न मक्का है। देश में सर्वाधिक मक्का का उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। जबकि राजस्थान का मक्का के उत्पादन मे देश में आठवां स्थान है। राजस्थान का चित्तौडगढ़ जिला मक्का उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। राजस्थान में मक्के की डब्ल्यू -126 किस्म बोई जाती है जबकि कृषि अनुसंधान केन्द्र बांसवाडा द्वारा मक्का की माही कंचन व माही घवल किस्म तैयार की गई है।
5.चांवल
देश में सर्वाधिक खाया जाने वाला खाद्यान्न चावंल है। देश में इसका सर्वाधिक उत्पादन पश्चिमी बंगाल में है। राजस्थान में चावंल का उत्पादन नाममात्र का आधा प्रतिशत से भी कम है। राजस्थान में हुनमानगढ़ जिले के घग्घर नदी बहाव क्षेत्र (नाली बैल्ट) में “गरडा वासमती” नामक चावंल उत्पन्न किया जाता है। जबकि कृषि अनुसंधान केन्द्र बासवांडा ने चावंल की माही सुगंधा किस्म विकसित की है।
चांवन के लिए 20 से 25 डिग्री सेल्सीयस तापमान व 200 संेटी मीटर वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है। जो कि राजस्थान में उपलब्ध नहीं है। अतः यहां जापानी पद्वति से चांवन उत्पन्न किया जाता है। देश में प्रति हैक्टेयर अधिक उत्पादन में पंजाब राज्य का प्रथम स्थान रखता है।
6. चना
यह एक उष्णकटिबधिय पौधा है। इसके लिए मिट्टी की आवश्यकता होती है। देश में उत्तर-प्रदेश के पश्चात् राजस्थान चना उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। राजस्थान में चुरू जिला चने के उत्पादन में प्रथम स्थान रखता है। गेहूं और जो के साथ चने को बोने पर उसे गोचनी या बेझड़ कहा जाता है।
7.दलहन
चने के पश्चात् विभिन्न प्रकार की दालो में मोठ का प्रथम स्थान राजस्थान का पश्चिमी भाग दालों में अग्रणी स्थान रखता है। राजस्थान का नागौर जिला उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। राजस्थान में कुल कृषि भूमि का 18 प्रतिशत दाले बोयी जाती है। उड्द की दाल भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में सहायक है। पौधों को नाइट्रोजन नाइट्रेट के रूप में प्राप्त होती है। जबकि राइजोबियम नामक बैक्टीरिया नाइट्रोजन को नाइट्रेट के रूप में परिवर्तित करता है।
8.बाजरा
देश में सर्वाधिक बाजरे का उत्पादन राजस्थान में होता है। राजस्थान में सर्वाधिक बोया जाने वाला खाद्यान्न बाजरा है। राजस्थान का पश्चिमी भाग बाजरा उत्पादन हेतु प्रसिद्ध है जबकि जयपुर जिला बाजरा उत्पादन में प्रथम स्थान पर हैं राजस्थान में बाजरे की साधारण किस्म के अतिरिक्त Raj-171 प्रमुख किस्म है। राजस्थान के पूर्वी भाग में संकर बाजरा होता है। उसे सिंचाई की अधिक आवश्यकता होती है। राजस्थान में बाजरा अनुसंधान केन्द्र बाडमेर में स्थित है।
नगदी/व्यापारिक फसले
9.गन्ना
भारतीय मूल का पौधा(Indian Origin) है। अर्थात् विश्व में सर्वप्रथम गन्ने का उत्पादन भारत में ही हुआ। दक्षिणी भारत में सर्वप्रथम गन्ने की खेती आरम्भ हुई। वर्तमान में विश्व में गन्ने का सर्वाधिक उत्पादन भारत में ही होता है। भारत में उत्तर प्रदेश राज्य गन्ना उत्पादन में प्रथम स्थान पर है (देश का 40 प्रतिशत)। राजस्थान में गन्ने का उत्पादन नाम मात्र का होता है (0.5 प्रतिशत)। राजस्थान में बूंदी जिला गन्ना उत्पादन में अग्रणी स्थान रखता है। गन्ने का कम उत्पादन होने के कारण राजस्थान में मात्र तीन सुगर मिले है|
1. | दा मेवाड शुगर मिल | भूपाल सागर (चित्तौड़) 1932 निजी |
2. | गंगानगर शुगर मिल | गंगानगर (1937 निजी -1956 में सार्वजनिक) |
3. | द केशोरायपाटन शुगर मिल | केशोरायपाटन (बूंदी) 1965 सहकारी |
10.कपास
कपास देशी कपासअमेरिकन कपासमानवी कपास गंगानगरगंगानगरकोटा (हडौती क्षेत्र) उदयपुरहनुमानगढ़बूंदी चित्तौडगढ़बांसवाडा बांरा
कपास भारतीय मूल का पौधा है। विश्व में सर्वप्रथम कपास का उत्पादन सिंधु घाटी सभ्यता में हुआ। वर्तमान में विश्व में सर्वाधिक कपास भारत में उत्पन्न होती है। जबकी भारत में गुजरात राज्य कपास में प्रथम स्थान रखता है। राजस्थान देश में चैथे स्थान पर है। राजस्थान में कपास तीन प्रकार की होती है।
वर्तमान में राजस्थान का हनुमानगढ़ जिला कपास उत्पादन में अग्रणी स्थान रखता है। जबकि जैसलमेर व चरू में कपास का उत्पादन नाम मात्र का होता है। कपास को “बणीया” कहा जाता है। कपास से बिनौला निकाला जाता है उससे खल बनाई जाती है। कपास की एक गांठ 170 किलो की होती है।
11.तम्बाकू
भारतीय मूल का पौधा नही। पूर्तगाली 1508 ईं. में इसको भारत लेकर आये थे। मुगल शासक जहांगीर ने सर्वप्रथम भारत में 1608 ई. में इसकी खेती की शुरूआत की किन्तु कुछ समय पश्चात् इसके जब दुशपरीणाम आने लगे तब जहांगीर ने ही इसे बंद करवा दिया। वर्तमान में भारत का आंधप्रदेश राज्य तम्बाकू उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। राजस्थान में पूर्व भाग में तम्बाकू का सर्वाधिक उत्पादन होता है। अलवर जिला तम्बाकू उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। राजस्थान में तम्बाकू की दो किस्में बोयी जाती है।
(अ) निकोटिना टेबुकम
(ब) निकोटिना रास्टिका
12.तिलहन (तिलहन विकास कार्यक्रम 1984-85)
सरसो, राई, तारामीरा, तिल, मूंगफली, अरण्डी, सोयाबीन, होहोबा राजस्थान में उत्पन्न होने वाली प्रमुख तिलहन फसले है। तिलहन उत्पादन में राजस्थान का तीसरा स्थान है। तिलहन उत्पादन में उत्तर प्रदेश प्रथम है। किन्तु सरसों व राई के उत्पादन में राजस्थान प्रथम स्थान रखता है।
सरसों
राजस्थान का भरतपुर जिला सरसों के उत्पादन में राज्य में प्रथम स्थान पर है। केन्द्रीय सरसों अनुसंधान केन्द्र सेवर भरतपुर की स्थापना 1983 में की गयी।
मूंगफली
विश्व में मूंगफली का सर्वाधिक उत्पादन भारत में होता है। भारत में गुजरात राज्य मूंगफली उत्पादन में प्रथम स्थान रखता है। राजस्थान का देश में मंूगफली के उत्पादन में चैथा स्थान है। राज्य का जयपुर जिला मूंगफली के उत्पादन में प्रथम स्थान रखता है। बीकानेर का लूणकरणसर क्षेत्र उत्तम मंूगफली के लिए प्रसिद्ध है अतः उसे ??राजस्थान का राजकोट भी कहा जाता है।
तिल सोयाबीन अरण्डी
राज्य में तिल पाली जिले में अरण्डी जालौर जिले में, सोयाबीन झालावाड़ में उत्पन्न होती है। सोयाबीन राजस्थान राज्य के दक्षिणी-पूर्वी भाग (हडौती) में होती है। इसमें सर्वाधिक प्रोटीन होती है। भारत में सर्वाधिक सोयाबीन मध्यप्रदेश में होता है।
हो होबा (जोजोबा)
यह एक प्रकार का तिलहन है इसे भारत में इजराइल से मगाया गया। इसका जन्म स्थान एरिजोना का मरूस्थल है। भारत में इसकी खेती की शुरूआत सर्वप्रथम सी.ए.जे.आर.आई संस्थान जोधपुर द्वारा की गयी। इसकी खेती इन क्षेत्रों में की जाती है जहां सिचाई के साधनों का अभाव पाया जाता है। इसके तेल का उपयोग सौन्दर्य प्रसाधनों, बडी-2 मशीनरियो व हवाई जहाजों में लुब्रिकेण्टस के रूप में किया जाता है।
राजस्थान में होहोबा के तीन फार्म है –
- ढण्ड (जयपुर)
- फतेहपुर (सीकर) सहकारी
- बीकानेर (नीजी)
CAZRI (काजरी)
आस्टेªलिया व यूनेस्कों के सहयोग से TITUTE (केन्द्रिय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान केन्द्र) स्थापना 1959 इसका मुख्यालय जोधपुर मे है। काजरी का प्रमुख कार्य मरूस्थलीय प्रसार को रोकना, वृक्षा रोपण को बढावा देना और मरूस्थलीय क्षेत्र की समस्याओं का निवारण करना है। इसके 5 उपकेन्द्र – बीकानेर, जैसलमेर, पाली, भुज, लदाख।
नोट- 1998 में राजस्थान के सभी जिलों में काजरी संस्थान में ही विज्ञान सेवा केन्द्रो की स्थापना की गयी।
उत्पादन क्रान्तियां
1 | हरित क्रांति | खाद्यान्न |
2 | श्वेत क्रांति | दुग्ध |
3 | पीली क्रांति | तिलहन (सरसों) |
4 | नीली क्रांति | मत्स्य |
5 | गुलाबी क्रांति | झींगा |
6 | काली (कृष्ण) | पेट्रोलियम (पैट्रोल, डीजल, केरोसीन) |
7 | लाल क्रांति | टमाटर |
8 | सुनहरी क्रांति | देसी अण्डा |
9 | रजत क्रांति | फार्मी अण्डा |
10 | भूरी क्रांति | खाद्य प्रसंस्करण |
11 | बादामी क्रांति | मसाला उत्पादन |
12 | स्लेटी क्रांति | सीमेण्ट |
13 | गोल क्रांति | आलू |
14 | इन्द्रधनुष क्रांति | सभी कृषि उत्पादन |
खस का उत्पादन
सवाई माधोपुर, भरतपुर, टोंक
मसाला उत्पादन
विश्व में मसाला उत्पादन में भारत प्रथम स्थान रखता है। भारत में राजस्थान मसाला उत्पादन में प्रथम है। किन्तु गरम मसालों के लिए केरल राज्य प्रथम स्थान पर है। केरल को भारत का स्पाइस पार्क भी कहा जाता है। राज्य में दक्षिण-पूर्व का बांरा जिला राज्य में मसाला उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। राजस्थान का प्रथम मसाला पार्क -झालावाड़ में है।
मसाले | सर्वाधिक उत्पादक जिला |
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मिर्च | जोधुपर |
धनियां | बांरा |
सोंफ | कोटा |
जिरा, इसबगोल | जालौर |
हल्दी, अदरक | उदयपुर |
मैथी | नागौर |
लहसून | चित्तैडगढ़ |
फल उत्पादन | गंगानगर |
फल | सर्वाधिक उत्पादक जिला |
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अंगूर | श्री गंगानगर |
कीन्नू | श्री गंगानगर |
माल्टा | श्री गंगानगर |
मौसमी | श्री गंगानगर |
संतरा | झालावाड़(राजस्थान का नागपुर) |
चीकू | सिरोही |
सेब | माउन्ट आबू (सिरोही) |
नींबू | धौलपुर |
आम | भरतपुर |
केला | बांसवाडा |
नाशपति | जयपुर |
मतीरा | टोंक/बीकानेर |
पपीता/खरबूजा | टोंक |
केन्द्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान -दुर्गापुरा (जयपुर)
यांत्रिक कृषि फार्म
सूरतगढ़ यांत्रिक कृषि फार्म – गंगानगर
क्षेत्रफल -12410 वर्ग हैक्टेयर
स्थापना- 15 अगस्त 1956
एशिया का सबसे बड़ा यांत्रिक कृषि फार्म है। सोवियत संघ के सहयोग से स्थापित किया। इसका मुख्य कार्य कृषि क्षेत्र में यंत्रों को बढ़ावा देना, अच्छी नस्ल के पशुओं का कृषि कार्य में उपयोग करना है।
जैतसर यांत्रिक कृषि फार्म – श्रीगंगानगर
स्थापना -26 जनवरी 1962 (कनाडा)
क्षेत्रफल -12140 वर्ग हेक्टेयर
एशिया का दूसरा सबसे बडा यांत्रिक फार्म
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राजस्थान में कृषि:-
मोटे अनाज के उत्पादन में राजस्थान का स्थान है – द्वितीय
राजस्थान में सबसे अधिक गन्ने का उत्पादन करने वाला जिला – बूंदी
सं 1964 में कृषि अनुसन्धान केंद्र की स्थापना कहाँ हुई ; जिसे कालांतर में कृषि अनुसन्धान निदेशालय का स्वरुप प्रदान किया गया – उदयपुर
मूंगफली उत्पादन में प्रथम स्थान वाला जिला – जयपुर
मसूर उत्पादन में प्रथम स्थान रखने वाला जिला – झालावाड़
चावल उत्पादन में प्रथम स्थान रखने वाला जिला – बांसवाड़ा
मटर उत्पादन में प्रथम स्थान रखने वाला जिला – जयपुर
जौ उत्पादन में प्रथम स्थान रखने वाला जिला – जयपुर
समग्र दालों के उत्पादन की दृष्टि से प्रथम स्थान रखने वाला जिला – नागौर
तम्बाकू उत्पादन में प्रथम स्थान रखने वाला जिला – सिरोही
कपास उत्पादन में प्रथम स्थान रखने वाला जिला – हनुमानगढ़
अदरक उत्पादन में प्रथम स्थान रखने वाला जिला – उदयपुर
अफीम उत्पादन में प्रथम स्थान रखने वाला जिला – चित्तौड़गढ़
गेंहू उत्पादन में प्रथम स्थान रखने वाला जिला – श्रीगंगानगर
समस्त मादक पदार्थो के उत्पादन की दृष्टि से प्रथम स्थान रखने वाला जिला – जालोर
“धान का कटोरा ” कहलाने वाला जिला – श्रीगंगानगर
पीले सोने के नाम से प्रसिद्द उधानिकी फसल – जोजोबा
समग्र फलों के उत्पादन की दृष्टि से प्रथम स्थान रखने वाला जिला – श्रीगंगानगर
राजस्थान में उद्यान की स्थापना कब की गई ? – 1989-90
विश्व बैंक द्वारा राजस्थान में कृषि विकास परियोजना कब प्रारम्भ की गई ? – 1992-93
केंद्रीय कृषि अनुसन्धान केंद्र कहाँ स्थित है ? – जयपुर
सरसो के उत्पादन में राज्य का देश में कौनसा स्थान है ? – प्रथम
राजस्थान के किस जिले में झुमिंग प्रणाली की ‘ वालरा ‘ कृषि होती है ? – डूंगरपुर , उदयपुर,बांसवाड़ा
राजस्थानी ग्रामीण भाषा में ‘ बणिया ‘ शब्द का इस्तेमाल किस फसल के लिए किया जाता है ? – कपास
राज्य में खजूर अनुसन्धान केंद्र कहाँ पर स्थित है ? –बीकानेर
राजस्थान राज्य बीज निगम का मुख्यालय कहाँ है ? – जयपुर
राष्ट्रिय सरसो अनुसन्धान केंद्र कहाँ स्थित है ? – सेवर में
राजस्थान काश्तकारी अधिनियम कब लागु हुआ ? – 15 अक्टूबर 1955
ऑपरेशन खेजड़ा कार्यक्रम की शुरुआत किस सन में की गई ? – 1991
राई व सरसो में राज्य का देश में स्थान – प्रथम
राज्य में सर्वाधिक कृषि क्षेत्र वाली फसल – बाजरा
सर्वाधिक बंजर व व्यर्थ भूमि वाला जिला – जैसलमेर
राज्य में सर्वाधिक सिंचित क्षेत्र वाली फसल – गेंहू