समानांतर क्रम - समानांतर क्रम में संधारित्रों की कुल धारिता C = C1 + C2 + C3समानांतर क्रम - समानांतर क्रम में संधारित्रों की कुल धारिता C = C1 + C2 + C3

कैपेसिटर क्या है

वैसे तो किसी अचालक से पृथक किये गये दो चालको के बीच कैपेसिटी होते है परन्तु जब दो या अधिक चालक प्लेटो को अचालक के साथ संयोजित करके एक पुर्जे का रूप दे दिया जाता है जो निश्चित कैपेसिटेन्स प्रस्तुत करे तो उसे कैपेसिटर कहते है।
इलैक्ट्रोनिक सर्किट में रेसिस्टर्स था एन्डक्टर्स कि भांति ही कैपेसिटर भी बहुत उपयोगी पुर्जा है । इसका उपयोग एम्प्लीफायर्स ऑसिलेटर्स फ़िल्टर सर्किट्स तथा अनेक प्रकार के अन्य इलैक्ट्रोनिक सर्किट्स में किया जाता है।
 कैपेसिटर एक ऐसी डिवाइस है जो अपने अन्दर चार्ज को स्टोर कर सकती है और जरूरत पड़ने पर उसे वापस भी कर सकती है  इसमें कम से कम दो प्लेटे होती है । जिनका क्षेत्रफल उस कैपेसिटर के कैपिस्टेन्स के ऊपर कार्य करता है। दोनों प्लेटो के बीच में एक इन्सुलेटिड मैटीरियल भरा जाता है। इस इन्सुलेटर की मोटाई भी कैपेसिटर के कैपेसिटेन्स को प्रभावित करती है इसके अलावा भरे जाने वाले इन्सुलेटर के प्रविधुताक पर भी निर्भर करती है। किसी भी कैपेसिटर के कैपेसिटेन्स की इकाई फैराडे होती है फैराडे एक बहुत बड़ी इकाई है इसलिए इसकी कुछ छोटी इकाई इस्तेमाल की जाती है।

क्या है - कैपेसिटर क्या है

कंडेनसर क्या है

किसी भी इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक परिपथ में कई तरह के अवयव होते हैं जैसे – प्रतिरोध, चालक, संधारित्र, डायोड आदि ।

कंडेनसर एक ऐसी युक्ति है जिसमे विद्युत आवेश को एकत्रित किया जाता है और किसी चालक की धारिता को बढ़ाया जाता है ।कंडेनसर को कैपेसिटर या संधारित्र भी कहते हैं ।

कंडेनसर में दो चालक प्लेटों को एक-दूसरे के निकट स्थापित कर दिया जाता है और दोनों प्लेटों के बीच में अचालक पदार्थ जैसे – कागज, माइका आदि को भर दिया जाता है ।
संधारित्र को किसी विद्युत स्त्रोत से संयोजित करने पर एक प्लेट में धनात्मक आवेश तथा दूसरी प्लेट पर समान मात्रा में ऋणात्मक आवेश आ जाता है । इसके बाद अगर विद्युत स्त्रोत को हटा दिया जाये फिर भी संधारित्र कुछ समय तक आवेशित बना रहता है ।

संधारित्र की धारिता क्या है 

संधारित्र के विद्युत आवेश एकत्रित करने की क्षमता को संधारित्र की धारिता (C) कहते है, इसका मात्रक फैरड है ।
संधारित्र की धारिता, संधारित्र में प्लेटों के बीच की दूरी, प्लेटों के क्षेत्रफल, उनके बीच के अचालक पदार्थ आदि पर निर्भर करती है ।
किसी चालक का विभव, उसके आवेश के अनुक्रमानुपाति होता है
Q ∝ V
Q = CV 
या C = Q/V

यहां C एक नियतांक है जिसे चालक की धारिता कहते है ।

संधारित्र का संयोजन | Connection of Capacitor 

श्रेणी क्रम – श्रेणी क्रम में संधारित्रों की कुल धारिता
1/C = 1/C1 + 1/C2 + 1/C3
का संयोजन - कैपेसिटर क्या है
समानांतर क्रम – समानांतर क्रम में संधारित्रों की कुल धारिता C = C1 + C2 + C3
क्रम समानांतर क्रम में संधारित्रों की कुल धारिता C C1 C2 C3 - कैपेसिटर क्या है
समानांतर क्रम – समानांतर क्रम में संधारित्रों की कुल धारिता C = C1 + C2 + C3

Extra tip :- किसी विद्युत परिपथ, मशीन आदि में मरम्मत करने से पहले उसमे लगे कैपेसिटर के आवेश को विसर्जित कर देना चाहिए । क्योंकि बड़े कैपेसिटर में अधिक आवेश होता है जिससे भयंकर विद्युत झटका लग सकता है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

नवीन जिलों का गठन (राजस्थान) | Formation Of New Districts Rajasthan राजस्थान में स्त्री के आभूषण (women’s jewelery in rajasthan) Best Places to visit in Rajasthan (राजस्थान में घूमने के लिए बेहतरीन जगह) हिमाचल प्रदेश में घूमने की जगह {places to visit in himachal pradesh} उत्तराखंड में घूमने की जगह (places to visit in uttarakhand) भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग की सूची Human heart (मनुष्य हृदय) लीवर खराब होने के लक्षण (symptoms of liver damage) दौड़ने के लिए कुछ टिप्स विश्व का सबसे छोटा महासागर हिंदी नोट्स राजस्थान के राज्यपालों की सूची Biology MCQ in Hindi जीव विज्ञान नोट्स हिंदी में कक्षा 12 वीं कक्षा 12 जीव विज्ञान वस्तुनिष्ठ प्रश्न हिंदी में अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण Class 12 Chemistry MCQ in Hindi Biology MCQ in Hindi जीव विज्ञान नोट्स हिंदी में कक्षा 12 वीं भारत देश के बारे में सामान्य जानकारी राजस्थान की खारे पानी की झील राजस्थान का एकीकरण राजस्थान में मीठे पानी की झीलें