पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध भूमिका : तुलसीदास का कहना है कि जो व्यक्ति स्वाधीन नहीं होता है उसे स्वजनों से कभी भी सुख नहीं मिलता है। हमे जीवन में स्वाधीन होना चाहिए। एक मनुष्य के लिए पराधीनता अभिशाप की तरह होता है। जो व्यक्ति पराधीन होते हैं वे सपने […]
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नदी की आत्मकथा पर निबंध भूमिका : नदी प्रकृति के जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसकी गति के आधार पर इसके बहुत नाम जैसे – नहर, सरिता, प्रवाहिनी, तटिनी, क्षिप्रा आदि होते हैं। जब मैं सरक-सरक कर चलती थी तब सब मुझे सरिता कहते थे। जब मैं सतत प्रवाहमयी हो गई तो मुझे […]
मुंशी प्रेमचंद पर निबंध भूमिका : हमारे हिंदी साहित्य को उन्नत बनाने के लिए अनेक कलाकारों ने योगदान दिया है। हर कलाकार का अपना महत्व होता है लेकिन प्रेमचंद जैसा कलाकार किसी भी देश को बड़े सौभाग्य से मिलता है। अगर उन्हें भारत का गोर्की कहा जाये तो इसमें कुछ गलत […]
मेरी प्रिय पुस्तक रामचरितमानस पर निबंध भूमिका : महात्मा गाँधी में राम राज्य स्थापित करने की उच्च भावना को जगाने वाली प्रेरणा शक्ति को रामचरितमानस पुस्तक थी। इस पुस्तक को कवि तुलसीदास का अमर स्मारक माना जाता है। इसे तुलसीदास का ही नहीं बल्कि पूरी हिंदी साहित्य समृद्ध होकर समस्त जगत […]
यदि मैं पुलिस अधिकारी होता पर निबंध भूमिका : हर बालक या व्यक्ति के मन में अपने सपनों को पूरा करने की इच्छा जन्म लेती है। हर किसी की अपनी महत्वकांक्षाएं होती हैं। अगर कोई व्यापारी बनना चाहता है तो कोई कर्मचारी बनना चाहता है। कोई नेता बनकर राजनीति में बैठना […]
यदि मैं शिक्षा मंत्री होता भूमिका : व्यक्ति जब भी अपने जीवन से संतुष्ट होता है तो वह अपने संतुष्टि के कारणों को मिटाने की कोशिश करता है। इसी इच्छा से मनुष्य की उन्नति के भेद का पता चलता हैं। मैं एक विद्यार्थी हूँ तो मेरी ज्यादातर इच्छाएँ मेरी शिक्षा से […]