बाल दिवस पर निबंध भूमिका : जन्म दिवस मनाना हमारे भारत की एक प्राचीन परम्परा है। हम अपने महापुरुषों के जन्म दिनों को मनाकर उन्हें अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं और अपने व्यवहारिक जीवन में उनके आदर्शों पर चलने की कोशिश करते हैं। पंडित जवाहर लाल नेहरु जी भी उन महापुरुषों […]
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मेरी माँ पर निबंध भूमिका : माँ शब्द की कोई परिभाषा नहीं होती है यह शब्द अपनेआप में पूरा होता है। माँ शब्द को किसी भी तरह से परिभाषित नहीं किया जा सकता है। असहनीय शारीरिक पीड़ा के बाद एक बच्चे को जन्म देने वाली माँ को भगवान का दर्जा दिया […]
गणतंत्र दिवस पर निबंध भूमिका : 31 दिसम्बर, 1928 को श्री जवाहर लाल नेहरु ने ब्रिटिश शासनों को चुनौती दी थी। अगर ब्रिटिश सरकार हमें औपनिवेशक स्वराज देना चाहे तो 31 दिसम्बर, 1929 तक दे दें। लेकिन ब्रिटिश सरकार ने भारतियों की इस इच्छा की पूरी तरह से अवहेलना की थी। […]
शिक्षक दिवस पर निबंध भूमिका : गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। जीवन में माता-पिता का स्थान कोई भी नहीं ले सकता क्योंकि वे ही हमें इस रंगीन दुनिया में लाते हैं। ऐसा माना जाता है कि हमारे जीवन के सबसे पहले गुरु हमारे माता-पिता […]
हिंदी दिवस के महत्व पर निबंध भूमिका : हमारा भारत पश्चिमी रीती-रिवाजों से बहुत प्रभावित है। भारतीय लोग वहां के लोगों की तरह पोशाक पहनते हैं। भरतीय वहां की जीवन शैली का पालन करते हैं, उनकी ही भाषा को बोलना चाहते हैं और हर एक चीज में उनके जैसा बनना चाहते […]
सरदार वल्लभ भाई पटेल पर निबंध भूमिका : सरदार वल्लभ भाई पटेल उन वीर पुरुषों में से एक थे जिनके अंदर देशभक्ति, समाज सेवा, देश सेवा और देशप्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी थी। सरदार वल्लभ भाई पटेल जी अपनी दृढता, विश्वास, स्वाभिमान, देश के लिए प्यार, काम के प्रति लगन की […]