ग्रीष्म ऋतु पर निबंध भूमिका : साल में चार मौसम होते हैं और इन चारों मौसम में सबसे गर्म गर्मी का मौसम होता है। भारत में छ: ऋतुएँ होती हैं जो एक के बाद एक आती रहती हैं। उन छ: ऋतुओं में से एक ग्रीष्म ऋतु होती है। जब बसंत ऋतु […]
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सार्थक शब्द (व्याकरण) किसी निश्चित अर्थ का बोध कराने वाले शब्दों को सार्थक शब्द कहा जाता है। जिस प्रकार मोहन, घर, रात, आना, नीचे, ऊपर आदि सार्थक शब्द हैं। शब्द भेद व्याकरण के अनुसार सार्थक शब्दों के आठ भेद होते हैं- इनमें से प्रथम चार प्रकार के शब्द- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और […]
पंचमाक्षर पंचमाक्षर अर्थात् वर्णमाला में किसी वर्ग का पाँचवाँ व्यंजन। जैसे- ‘ङ’, ‘ञ’, ‘ण’ आदि। आधुनिक हिन्दी में पंचमाक्षरों का प्रयोग बहुत कम हो गया है और इसके स्थान पर अब बिन्दी (ं) का प्रचलन बढ़ गया है। प्रयोग कई शब्दों में शिरोरेखा के ऊपर एक बिन्दु (अनुस्वार) का प्रयोग किया जाता है, जैसे- गंगा गड्.गा […]
हिन्दी वर्णमाला देवनागरी वर्णमाला के समस्त वर्णों को व्याकरण में दो भागों में विभक्त किया गया है- स्वर और व्यंजन। स्वर अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं अः व्यंजन क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण (ड़) (ढ़) त थ द ध न […]
विलोम शब्द | विपरीतार्थक शब्द शब्दों के अपने निश्चित अर्थ होते हैं – उन अर्थों के विपरीत अर्थ देनेवाले शब्द विपरीतार्थक शब्द कहलाते हैं । विपरीतार्थक या विपरीत अर्थ देनेवाले शब्द निम्नलिखित विधियों से बनते हैं: 1. लिंग-परिवर्तन के द्वारा : जैसे-भाई-बहन, राजा-रानी, वर-वधू, लड़का-लडकी गाय-बैल, कुत्ता-कुतिया, इत्यादि । 2. […]
पर्यायवाची शब्द अंग – अंश, कलेवर, भाग, देह, हिस्सा, अवयव अंक – चिह्न, छाप, अदद, पत्र, पत्रिकाओं की प्रति, लिखावट, अक्षर, नाटक का खंड अंधकार – तम, तमिस्रा, तिमिर, स्याही , अँधेरा, अंधतमस अटूट – मजबूत, अखंडित, अपार, पक्का, अजेय, पुष्ट अग्नि – आग, अनल, वह्नि, पावक, वायुसखा, दहन, तपन, […]