सवाई जयसिंह द्वारा निर्मिंत विश्व का एकमात्र कल्कि मंदिर जयपुर में स्थित है |
जयपुर को जर्मनी के ‘ए एल्ट स्टडट एलर्ग’ के आधार पर 1727 में बसाया गया था | इसकी स्थपना जी जानकारी बुद्दी विलास ग्रन्थ में मिलती है |
मानपुरा माचेडी को लेदर (चमडा) कॉम्प्लेक्स एक रूप में विकसित किया गया है |
जोबनेर विद्यालय से राजस्थान के दो मुख्मंत्री हुए – पंडित हीरालाल शास्त्री और भौरोसिंह शेखावत
लापला – जयपुर के झालाना व आमागढ़ क्षेत्र में फैली घास |
काँच की हवेली –बादवा में स्थित इस हवेली को वर्तमान में सांड कोटडा ठिकाने की हवेली कहा जाता है |
अमर ज्योति –इसका प्रकाशन नारायण चतुर्वेदी , भूदेवदत्त शर्मा व वीरेन्द्र सिंह चौहान ने साप्ताहिक के रूप में जयपुर से 1950 में प्रारम्भ किया | मुख्यपृष्ठ की पंक्तियाँ – ‘साफगोई की आदत है तेरे दीवाने की’ बात का मतलब की बैखोफ कह गुजरता है |’
डा.पंचानन महेश्वरी –आधुनिक भारतीय पादप भूर्ण विज्ञान के जनक कहे जाते है |