राजस्थान में खारे पानी की झीले और ट्रिक्स (Tricks)
1. साँभर झील –
यह राजस्थान की सबसे बड़ी झील है। यहाँ उत्पादित नमक उत्तम किस्म का होता है। यहाँ राज्य के कुल उत्पादन का 80 प्रतिशत नमक उत्पन्न किया जाता है। इसका अपवाह क्षेत्र लगभग 500 वर्ग किमी में फैला है जिसमे रूपनगढ़, खारी व खंडेला आदि नदियाँ आकर मिलती है। यह झील दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर लगभग 32 किमी लंबी तथा 3 से 12 किमी तक चौड़ी है। ग्रीष्मकाल में वाष्पीकरण की तीव्र दर से होने के कारण इसका आकार बहुत कम रह जाता है। इस झील में प्रतिवर्ग किमी क्षेत्र में 6000 टन नमक होने का अनुमान है। इसका क्षेत्रफल लगभग 140 वर्ग किमी है। इसके पानी से नमक बनाया जाता है। यहां नमक उत्पादन सांभर साल्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जाता है जिसकी स्थापना 1964 में की गई थी। यहां सोडियम सल्फेट संयंत्र स्थापित किया गया है जिससे 50 टन सोडियम सल्फेट प्रतिदिन बनाया जाता है। यह झील जयपुर व नागौर जिले की सीमा पर स्थित है तथा यह जयपुर की फुलेरा तहसील में जयपुर से लगभग 60 किमी दूर है।
2. डीडवाना झील –
यह नागौर जिले के डीडवाना नगर के समीप स्थित है। यह 10 वर्ग किमी में फैली है। इससे राजस्थान स्टेट साल्ट्स वर्क्स द्वारा नमक तैयार किया जाता है। यहाँ नमक का उत्पादन निजी इकाइयों द्वारा भी किया जाता है जिन्हें ‘देवल’ कहते हैं। इनमें नमक पुराने तरीके से बनाया जाता है। डीडवाना से 8 किमी दूर राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स डीडवाना, जिसकी स्थापना 1964 में की गई थी, द्वारा स्थापित सोडियम सल्फेट का संयंत्र भी है। यह क्षेत्र नमक उत्पादन की दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ उत्पादित नमक की लागत कम आती है किन्तु यहाँ नमक में सोडियम सल्फेट की मात्रा अधिक होने की वजह से अखाद्य नमक का उत्पादन अधिक होता है जिसको बेचने में कठिनाई आती है।
3. पचपद्रा झील –
बाड़मेर जिले में पचपद्रा नगर के निकट यह स्थित है। यह लगभग 83 वर्ग किमी क्षेत्र मेँ स्थित है। यह वर्षा के जल पर निर्भर नहीं है बल्कि नियतवाही जल स्रोतों से इसे पर्याप्त खारा जल मिलता रहता है। यहाँ का नमक समुद्री नमक के समान होता है। इससे तैयार नमक में 98 प्रतिशत तक सोडियम क्लोराइड की मात्रा होती है। यहाँ खखाण जाति के लोग नमक बनाने का कार्य करते हैं। यहाँ राजस्थान स्टेट साल्ट्स वर्क्स, पंचपदरा (स्थापना- 1960) द्वारा खाद्य, अखाद्य, औद्योगिक व आयोडिन युक्त नमक तैयार किया जाता है।
4. लूणकरणसर झील –
यह बीकानेर के उत्तर-पूर्व में लगभग 80 किमी दूर स्थित है। इसके पानी में लवणीयता की कमी है अत: बहुत थोड़ी मात्रा में नमक बनाया जाता है। यह झील 6 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली है।
5. पोकरण झील – यह जैसलमेर जिले में स्थित है। इससे उत्तम किस्म का नमक प्रतिवर्ष लगभग 6000 टन बनाया जाता है।
6. फलौदी झील –यह जोधपुर जिले में स्थित है जिससे प्रतिवर्ष लगभग एक लाख टन नमक तैयार किया जाता है।
7. कुचामन झील –नागौर जिले के कुचामन सिटी के परिक्षेत्र में स्थित इस झील से लगभग 12000 टन वार्षिक नमक बनाया जाता है।
8. सुजानगढ़ झील –यह झील चुरु जिले में है तथा इससे लगभग 24000 टन वार्षिक नमक बनाया जाता है। कुचामन, फलौदी व सुजानगढ़ में कुओं से भी नमक बनाया जाता है।
9. जाब्दीनगर –सांभर के निकट नागौर जिले में यह एक नया नमक स्रोत विकसित किया जा रहा है।
राजस्थान में खारे पानी की झीले ट्रिक्स (Salty water tricks in Rajasthan)
S.N. |
Trick |
झील – जिला |
1 | बा | बाप – जोधपुर |
2 | पू | पौकरण- जैसलमेर |
3 | रे | रेवासा- सीकर |
4 | कु | कुचामन- नागौर |
5 | ता | तालछापर- चुरू |
6 | सा | सांभर- जयपुर |
7 | डी | डीडवाना- नागौर |
8 | का | कावोद- जैसलमेर |
9 | प | पचभदरा- बाड़मेर |
10 | ल्लू | लुणकरणसर- बीकानेर |
11 | फा | फलौदी- जोधपुर |
12 | डे | डेगाना- नागौर |
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