वाष्पीकरण तकनीक
वाष्पीकरण तकनीक निस्यंद से नमक को अलग करने के लिए प्रयोग किया जाता है| वाष्पीकरण के दौरान आम नमक विघटित नहीं होता है| जैसे ही पानी का वाष्पीकरण होता है नमक कणों को दूर रखने के लिए बहुत कम पानी के अणु मौजूद होते हैं। ऐसे नमक वापस क्रिस्टलीकृत होता है और एकत्र किया जा सकता है।
अध्ययन का परिणाम
1. छात्र मिश्रण ,उर्ध्वपातन, निस्पंदन और वाष्पीकरण जैसे शब्दों के बारे में समझते है|
2. छात्रों को निम्नलिखित तकनीकों का उपयोग कर के एक मिश्रण के घटकों का पृथक्करण प्रदर्शन करने के लिए कौशल कौशल प्राप्त करता है :
- उर्ध्वपातन
- निस्पंदन
- वाष्पीकरण
3. छात्र अमोनियम क्लोराइड, नमक और रेत को अपने मिश्रण से अलग करने के लिए उपयुक्त विधि का विश्लेषण करता है।
छात्रों को दी गई मिश्रण के घटकों के विभिन्न भौतिक अवस्थओं के बारे में दृढ़ ज्ञान मिलता है।
5. घुलनशीलता, उर्ध्वपातन आदि के ज्ञान के आधार पर, छात्र उन्हें दिए गए मिश्रण के घटकों के लिए उपयुक्त पृथक्करण तकनीक डिजाइन करने में सक्षम बन जाते हैं।
6. छात्र पृथक्करण के प्रयोग करने के तरीकों का कल्पना कर सकता हे जो उन्हें प्रयोगशाला में ठीक से चीजों से की व्यवस्था करने में मदद करता है|
→द्रव के गुण (Properties of Liquid):-
1)आकृति और आयतन (Shape and Volume)-द्रव की आकृति निश्चित नहीं होती है, किन्तु उसका आयतन निश्चित होता है !
2 ) घनत्व (Density)-द्रव का घनत्व उसके ठोस रूप के घनत्व से कम होता है !
3) संपीड्यता (Compressibility)-द्रव प्राय: असंपीड्य (Incompressibility) होते है ! किन्तु ठोस की तुलना में ये थोरा अधिक संपीड्य होते है !
4) द्रवनांक और क्वथनांक (Melting Point and Boiling Point)-द्रवों के द्रवनांक और क्वथनांक ठोस पदार्थो से प्राय: कम होते है !
5) तरलता (Fluidity)-द्रव पदार्थो में बहने(Flow) की प्रवृत्ति पाई जाती है !
6) द्रव का जमना (Freezing of Liquid)-किसी भी द्रव का ठोस के रूप में परिवर्तन द्रव का जमना कहलाता है !
7) वाष्पन (Evaporation)-किसी द्रव का कमरे के ताप या द्रव के क्वथनांक के नीचे के तापों पर वाष्प बनकर धीरे धीरे वायुमंडल में जाने की प्रक्रिया वाष्पन कहलाती है !
8) क्वथन और क्वथनांक (Boiling and boiling point)-जब किसी द्रव का वाष्पदाब वायुमंडलीय दाब के बराबर हो जाता है ,तब वह द्रव उबलने लगता है ! द्रव को गर्म करने पर उसका वाष्प दाब क्रमशः बढ़ने लगता है ! जब द्रव का वाष्पदाब बढ़कर वायुमंडल के दाब के बराबर हो जाता है ,तब द्रव उबलने लगता है ! जिस ताप पर द्रव उबलना प्रारंभ करते है उस ताप को द्रव का क्वथनांक कहते है और यह प्रक्रिया क्वथन या उबलना कहलाती है !
→ क्वथनांक पर दाब का प्रभाव-:
द्रव का क्वथनांक वायुमंडल के दाब पर निर्भर करता है ! वायुमंडल का दाब अधिक रहने पर द्रव का क्वथनांक भी बढ़ जाता है ! इसके विपरीत, वायुमंडल का दाब कम रहने पर द्रव का क्वथनांक भी कम हो जाता है !
→ पदार्थ की गैसीय अवस्था (The gaseous state of Matter)-गेसों में अंतराण्विक बल बहुत कमजोर होते है तथा अंतराण्विक स्थान बहुत अधिक होते है ! अत: गैस के कण पूर्णत: स्वतंत्र होकर समस्त उपलब्ध स्थान में इधर उधर गमन करने लगते है !
→गैसों के गुण (Properties of Gases)-:
आकृति और आयतन (Shape and Volume)-गैस की ना तो कोई निश्चित आकृति होती है और न कोई निश्चित आयतन ! इसे जिस बर्तन में रखा जाता है उसी बर्तन की आकृति और आयतन ग्रहण कर लेती है !
घनत्व (Density)-ठोस एवं द्रवों की तुलना में गैसों के घनत्व निम्न होते है !
द्रवनांक और क्वथनांक (Melting Point and Boiling Point)-सामान्य वायुमंडलीय दाब पर किसी गैस के द्रवनांक और क्वथनांक कमरे के ताप से कम होते है !
संपीड्यता (Compressibility)-गेसों की संपीड्यता बहुत अधिक होती है !
ऊष्मा और ठण्ड का प्रभाव (Effect of heating and cooling)-गर्म या ठंडा करने पर गैस को क्रमशः प्रसारित या संकुचित किया जा सकता है !
गैसों का प्रसरण या विसरण (Diffusion of gases)-घनत्व में अन्तर रहते हुए भी गैसों के परस्पर मिश्रित हो जाने की स्वाभाविक प्रक्रिया को गैसों का प्रसरण या विसरण कहते है !
गैसों का संघनन (Condensation of gases)-पदार्थ के गैसीय रूप का द्रव रूप में परिवर्तन गैस का संघनन कहलाता है !
गैस का दाब (Pressure of gas)-बर्तन की दीवारों के प्रति इकाई क्षेत्रफल पर गैस के कणों द्वारा आरोपित बल गैस का दाब कहलाता है !
* वायु का दाब वायुमंडलीय दाब कहलाता है ! समुद्र तल पर वायु का दाब 1 वायुमंडल कहलाता है !
〖 1 वायुमंडल दाब= 1.01×10〗^5 pa
→ द्रवनांक (Melting point)-वह ताप जिसपर कोई ठोस पदार्थ द्रव अवस्था में परिवर्तित होता है, उसे उस ठोस पदार्थ का द्रवनांक कहते है !
* ठोस पदार्थ का द्रव में परिवर्तन ठोस पदार्थ का द्रवण (Fusion of solid) कहलाता है !
→ द्रव का क्वथनांक (Boiling point of liquid)-जिस ताप पर कोई पदार्थ द्रव की अवस्था से गैसीय या वाष्प की अवस्था में परिवर्तित होता है वह ताप द्रव का क्वथनांक कहलाता है !
→ वाष्पन की गुप्त ऊष्मा (Latent hit of vaporization)-क्वथनांक पर किसी द्रव के गैस में परिवर्तित होने पर जितनी ऊष्मा का अवशोषण होता है, उसे वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहते है !
→ संघनन (Condensation)-वह प्रक्रिया जिसमें कोई पदार्थ गैस की अवस्था से द्रव की अवस्था में परिवर्तित होता है, संघनन कहलाता है !
→ वह ताप जिसपर कोई पदार्थ द्रव की अवस्था से ठोस की अवस्था में परिवर्तित होता है, द्रव का हिमांक (freezing point) कहलाता है,और यह प्रक्रिया द्रव का जमना (freezing) कहलाता है !
→ विशिष्ट गुप्त ऊष्मा (Specific latent heat)-एक निश्चित ताप पर पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन लाने के लिये उसकी इकाई मात्रा द्वारा अवशोषित या उत्सर्जित ऊष्मा की मात्रा विशिष्ट गुप्त ऊष्मा कहलाती है !
→ पदार्थ की प्लाज्मा अवस्था (The plasma state of matter)-पदार्थ की चतुर्थ अवस्था प्लाज्मा अवस्था कहलाती है ! प्लाज्मा अवस्था में पदार्थ अत्यधिक आयनीकृत (ionized) गैस के रूप में रहता है ! इसमें पदार्थ के कण अति उर्जावान (super energetic) और अति उतेजित (super excited) अवस्था में रहता है !
* पदार्थ की पंचम अवस्था Boss-Einstein condensate कहलाती है !