Safety rules at workplace
औद्योगिक मनोविज्ञान में ‘दुर्घटना’ शब्द का उपयोग विशेष अर्थों में किया जाता है। कार्यस्थल दुर्घटनाएँ या ‘औद्योगिक दुर्घटनाएं’ सिर्फ वे होती हो जो कार्य परिस्थिति तथा कार्य संपादन प्रणालियों में कतिपय हुई त्रुटियों के कारण घटित होती है।
दुर्घटना शब्द को परिभाषा में बांधना कठिन कार्य है, फिर भी ये ऐसी अप्रिय दुर्घटनाएं होती हो जो अप्रत्याशित होती हैं। मनोवैज्ञानिकों का मत है कि दुर्भिक्ष, अकाल, संक्रामक रोग, भूकंप आदि प्रत्याशित हैं और इनमें ही जानमाल की क्षति होती है, फिर भी इन्हें दुर्घटना नहीं कहा जा सकता है। उद्योगों के संबंध में इन विचारों को उपयुक्त नहीं माना जा सकता है।
औद्योगिक दुर्घटनाएं उद्योग में कार्यरत व्यक्तियों तक ही सीमित होती है, जिनका संबंध यंत्र-चालन तथा परिवहन-चालन से होता है। इन दुर्घटनाओं की उत्पत्ति कार्य तथा कार्यकर्त्ता से संबंधित दोषपूर्ण अवस्थाओं के कारण होती है।
दुर्घटना की परिभाषा कार्यों एवं परिस्थितियों के अनुरूप बदलती रहती है। आधुनिक मनोविज्ञानी दुर्घटना को नए अंदाज से देखते हैं। उनका मत है कि अलग-अलग देशों में श्रम कानून भी अलग-अलग हैं इसलिए दुर्घटना की परिभाषा भी बदलती रहती है।
एक समय था जब दुर्घटना को दैवी प्रेरणा का कारण माना जाता था। विज्ञान के विकास और उद्योग में मनोविज्ञान के आगमन से इस पुरानी मान्यता को निरर्थक माना गया। इस समस्या की ओर विद्वानों का ध्यान गया, धीरे-धीरे औद्योगिक क्षेत्र में इस प्रश्न पर गंभीरता से विचार किया गया। विद्वानों ने दुर्घटना से सम्बंधित महत्त्वपूर्ण प्रदत्तों का संकलन कर इसे अपने शोधकार्य का मुख्य विषय बना दिया। पश्चिमी देशों ने इस दिशा में बहुत प्रगति की। भारत के विद्वानों ने महत्त्वपूर्ण तथ्यों को सर्वसाधारण के समक्ष प्रस्तुत किया। आधुनिक उद्योगों में दुर्घटना को अभिशाप समझा जाता है। इन दुर्घटनाओं से उद्योग में भारी क्षति होती रहती है।
औद्योगिक दुर्घटना के कारण | कार्यस्थल सुरक्षा नियम
औद्योगिक दुर्घटना के प्रमुख कारण –
- कार्य को गंभीरता से न लेना
- कार्यस्थल की सुक्षा और सावधानियों का ज्ञान ना होना
- सुरक्षा के प्रति लापरवाही करना
- किसी कार्य में गलत औजार का उपयोग करना
- किसी मशीन अथवा यन्त्र में त्रुटि या खराबी होना
- कार्यस्थल में किसी खतरे प्रति सजग ना होना
- ज्वलनशील पदार्थो के भण्डारण की उचित व्यवस्था न होना
- कर्मचारियों को कार्य की जानकारी न होना
औद्योगिक विद्युत सुरक्षा नियम
- कार्यस्थल पर प्रत्येक कार्य को गंभीरता से करना चाहिए
- कमर्चारियों को कार्यस्थल की सुक्षा और सावधानियों का पूरा ज्ञान होना चाहिए
- सुरक्षा के प्रति लापरवाही नहीं करना चाहिए
- कार्य करते समय उचित औजार का उपयोग करना चाहिए
- कार्यस्थल के प्रत्येक मशीन अथवा यन्त्र की निश्चित समय पर जांच करनी चाहिए एवं खराबी पाए जाने पर उस यन्त्र की मरम्मत करनी चाहिए
- मशीन अथवा यन्त्र के रख रखाव की उचित व्यव्श्था होनी चाहिए
- प्रत्येक मशीन की फाउंडेसन मज़बूत होनी चाहिए
- ज्वलनशील पदार्थो के भण्डारण की उचित व्यवस्था होना चाहिए
- कर्मचारियों को कार्य का पूरा प्रशिक्षण देना चाहिए
- बिना जानकारी किसी यन्त्र से छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए
- हमें कार्यशाला के सुरक्षा संकेतों की जानकारी होना चाहिए
- कार्यशाला में उचित पोशाक पहनकर कार्य करना चाहिए, ढीले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए
- अगर किसी यन्त्र पर कोई कर्मचारी किसी प्रकार का मरम्मत कार्य कर रहा हो तो मेन स्विच ऑन नहीं करना चाइये
- कार्यशाला में फर्श पर किसी प्रकार का चिकना पदार्थ नहीं होना चाहिए
- विधुत मशीनों पर कार्य करते समय पैरों में रबर के जूते पहनना चाहिए
- कार्यशाला में उचित क्षमता के अग्निशामक यन्त्र जरूर होने चाहिए
- कार्य के दौरान उत्पन्न हानिकारक गैसों के निस्तारण की उचित व्यवस्था होना चाहिए
- विधुत मशीनों के कनेक्शन उचित होना चाहिए