पृष्ठ रसायन
रसायन विज्ञान की वह शाखा, जिसके अंतर्गत हम ठोस पदार्थों की पृष्ठों पर होने वाले भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन एवं उनकी प्रकृति का अध्ययन करते हैं।
जैसे – पदार्थ की सतह पर रंग की परत का लगना, लोहे की पृष्ठ पर जंग लगना आदि।
पृष्ठ रसायन के अनेक प्रकार है। इसके अंतर्गत बहुत सारे टॉपिक आते हैं जैसे अधिशोषण, उत्प्रेरक, कोलाइडी अवस्था आदि महत्वपूर्ण बिंदु है |
पृष्ठ रसायन नोट्स
1. अधिशोषण की प्रक्रिया ऊष्माक्षेपी होती है।
2. ताप बढ़ाने पर भौतिक अधिशोषण का मान घटता है क्योंकि अधिशोषण एक ऊष्माक्षेपी प्रक्रम है।
3. एंजाइम उत्प्रेरक की क्रियाशीलता पराबैगनी किरणों से नष्ट हो जाती है।
4. भौतिक अधिशोषण पृष्ठीय क्षेत्रफल पर निर्भर करता है। अर्थात् पृष्ठीय क्षेत्रफल बढ़ाने पर भौतिक अधिशोषण का मान बढ़ता है।
5. अवशोषण प्रक्रिया एकसमान दर से संपन्न होती है।
6. स्वर्ण संख्या का मान जितना अधिक होता है रक्षी कोलाइड का प्रभाव उतना ही न्यूनतम होता है।
7. विष उत्प्रेरक, उत्प्रेरक की क्षमता को कम अथवा पूर्णतः नष्ट कर देता है।
8. अपोहन कोलाइडी विलयन के शुद्धिकरण की एक विधि है।
ठोस एरोसोल
वह कोलाइडी विलयन जिसमें परिक्षिप्त प्रावस्था ठोस तथा परीक्षण माध्यम गैस होता है। उसे ठोस एरोसोल कहते हैं।
उदाहरण – धूल, धुआं आदि