भगंदर रोग का उपचार

Treatment for Fistula

फिस्टुला ( Fistula )
फिस्टुला या भगंदर गुदा क्षेत्र का एक रोग है जिसमें रोगी के गुदा द्वार के करीब फुडे या फुंसी निकल आती है, ये फुंसी पाइप की तरह मार्ग बनाती है और मलाशय तक जाती है. अगर चिकित्सा की भाषा में कहें तो बवासीर रोग के अधिक पुराना होने पर वो ही भगंदर का रूप ले लेता है, इसलिए बवासीर का समय पर इलाज करवा लें. वहीँ अगर आपने भगंदर को भी नजरअंदाज कर दिया तो ये कैंसर ( रिक्टम कैंसर ) तक का रूप ले लेता है. भगंदर रोग जानलेवा भी सिद्ध हो सकता है. प्राचीन शल्य चिकित्सा ने भगंदर को उन eight रोगों में शामिल किया है जो बहुत मुश्किल से ठीक होते है, इन रोगों को अष्ट महागद कहा जाता है.

भगंदर नाडी रोग है और इस रोग को आधुनिक युग की जीवनशैली की देन माना जाता है और सोचने वाली बात ये है कि इसकी जानकारी होते हुए भी कोई अपनी जीवनशैली बदलना ही नहीं चाहता. इस रोग में गुदा के पास दाने निकल जाते है, फिर वे फुट जाते है. अगर भगंदर रोग अपने घातक रूप में आ जाएँ तो वे हड्डियों में भी सुराख कर देता है, जिसके बाद उसमें से पीव निकलने लगती है और फिर खून आना आरम्भ हो जाता है. इसीलिए इसे बहुत कष्टकारी रोग माना जाता है.



sp - भगंदर रोग का उपचार
भगंदर रोग का उपचार

भगंदर रोग के प्रकार ( variety of Fistula )

भगंदर रोग के मुख्यतः eight प्रकार होते है –

  1. वातदोष से शतपोनक
  2. पित्तदोष से उष्ट्र ग्रीव
  3. कफ़दोष वाला
  4. वात कफ़ से ऋजु
  5. वात पित्त से परिक्षेपी
  6. कफ़ पित्त से अशोर्ज
  7. शातादी से उन्मार्गी
  8. त्रिदोषों से शंबुकार्त

भगंदर के लक्षण ( Symptoms of Fistula )
फुंसी ( symptom ) : भगंदर का सबसे पहला और ख़ास लक्षण यही है कि इस रोग में गुदा के पास फोड़े और फुंसियाँ निकल जाती है.

पस ( Pus ) : इन फुंसियों में से बाद में धीरे धीरे पस और गैस निकलने लगती है. इन फुंसियों से निकलने वाली पस से रोगी के वस्त्र तक गंदे हो जाते है, जो उन्हें शर्मिंदा कराती है.

दर्द ( Pain ) : जहाँ फुंसी निकली होती है उसके आसपास के हिस्से में दर्द होना आरम्भ हो जाता है.

खुजली ( haptic sensation ) : दर्द के साथ साथ पीड़ित व्यक्ति को खुजली भी महसूस होती है.

भगंदर से निदान ( Cure Fistula Diseases )
उपाय one ( live one )

सामग्री ( Material needed )
200 ग्राम – कायाकल्प क्वाथ

200 ग्राम – मुलेठी क्वाथ

sp1 - भगंदर रोग का उपचार
भगंदर रोग का उपचार




औषधि बनाने की विधि ( method of getting ready drugs ) 
सबसे पहले ऊपरलिखित दोनों औषधियों को मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें, अब एक बर्तन में करीब four hundred मिलीलीटर पानी लेकर मंद आंच पर रखें, पानी में one चम्मच औषधि का मिश्रण भी अवश्य मिलाएं. कुछ देर मिश्रण को इसी तरह पकने दें और जब पानी a hundred मिलीलीटर रह जाएँ तो इसे उतार छान लें व पी जाएँ. ध्यान रहें कि इस उपाय को दिन में a pair of बार अर्थात सुबह और शाम खाली पेट अपनाना है.

उपाय a pair of ( live a pair of ) 

सामग्री (Material needed) 

  • 3 ग्राम – रस माणिक्य
  • 4 ग्राम – मुक्ता पिष्टी
  • 10 ग्राम – कहरवा पिष्टी
  • 10 ग्राम – प्रवाल पिष्टी
  • 10 ग्राम – अमृता सत
  • 10 ग्राम – शंख भस्म

औषधि बनाने की विधि ( method of getting ready drugs )
आपको ऊपर दी गयी सभी सामग्रियों को मिलाना है और इनकी sixty समान मात्रा की पुड़ियाँ
बनानी है. इन पुड़ियाँ को एक डिब्बे में बंद करके सुरक्षित रखें और रोजाना one पुड़ियाँ को प्रातःकाल का खाना खाने से करीब thirty मिनट पहले लें. दूसरी पुड़ियाँ को रात का खाना खाने से one घंटे पहले लेना है. दवा को लेने के लिए ताजे पानी, शहद या फिर मलाई का प्रयोग करें.



उपाय three ( live three )

सामग्री ( Material needed )
40 ग्राम – कायाकल्प वटी

40 ग्राम – अर्श कल्प वटी

औषधि बनाने की विधि ( method of getting ready drugs )
पीड़ित व्यक्ति को ऊपर लिखित दोनों वाटियों की one – one गोली को दिन में a pair of बार खाली पेट लेना है. इन्हें लेने के लिए कायाकल्प और मुलेठी क्वाथ को इस्तेमाल करें.

sp2 - भगंदर रोग का उपचार
Treatment for Fistula



उपाय four ( live four )

सामग्री ( Material needed )
60 ग्राम – सप्तविशंति गुग्गल

60 ग्राम – पञ्चतिक्तधृत गुग्गल

60 ग्राम – आरोग्यवर्धिनी वटी

औषधि बनाने की विधि ( method of getting ready drugs )
दी गयी तीनों औषधियों की one – one गोलियों को दिन में a pair of बार लें. ध्यान रहे कि गोलियाँ खाना खाने से करीब आधा घंटे पहले गुनगुने पानी के साथ लेनी है.

ध्यान रखें ( keep in mind ) :
– तला हुआ, मसालेदार, मिर्च युक्त गर्म तासीर वाला आहार भोजन खाने से बचें.

– चाय कॉफ़ी शराब या किसी अन्य नशे से भी दूर रहें.

– अगर दर्द ज्यादा है तो देशी कपूर को पिसें और उसे कायाकल्प तेल में मिलाकर घाव पर लगायें. जल्द आराम मिलेगा.


sp3 - भगंदर रोग का उपचार
घातक है भगंदर की समस्या




Bhagandar Rog Hindu deity Upchar, भगंदर रोग का उपचार, Treatment for Fistula, घातक है भगंदर की समस्या, Fistula Ki Bimaari Hindu deity Ilaaj, Gudaamarg par Funsi Naasur, Fistula ya Bhagandar, Ek Jatil Smasyaa Hai Fistula, फिस्टुला

अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमे फेसबुक(Facebook) पर ज्वाइन करे Click Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

नवीन जिलों का गठन (राजस्थान) | Formation Of New Districts Rajasthan राजस्थान में स्त्री के आभूषण (women’s jewelery in rajasthan) Best Places to visit in Rajasthan (राजस्थान में घूमने के लिए बेहतरीन जगह) हिमाचल प्रदेश में घूमने की जगह {places to visit in himachal pradesh} उत्तराखंड में घूमने की जगह (places to visit in uttarakhand) भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग की सूची Human heart (मनुष्य हृदय) लीवर खराब होने के लक्षण (symptoms of liver damage) दौड़ने के लिए कुछ टिप्स विश्व का सबसे छोटा महासागर हिंदी नोट्स राजस्थान के राज्यपालों की सूची Biology MCQ in Hindi जीव विज्ञान नोट्स हिंदी में कक्षा 12 वीं कक्षा 12 जीव विज्ञान वस्तुनिष्ठ प्रश्न हिंदी में अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण Class 12 Chemistry MCQ in Hindi Biology MCQ in Hindi जीव विज्ञान नोट्स हिंदी में कक्षा 12 वीं भारत देश के बारे में सामान्य जानकारी राजस्थान की खारे पानी की झील राजस्थान का एकीकरण राजस्थान में मीठे पानी की झीलें